शुक्रवार, सितंबर 12, 2008

कृपया सुनें अपील !

प्यारे ब्लॉगर भाइयो, कृपया सुनें अपील ।
मुक्तहस्त दें टिप्पणी, इसमें ना हो ढील ।
इसमें ना हो ढील, हुआ अधिकार ये सबका ।
मिलें टिप्पणी प्रचुर, हो लाभान्वित हर तबका ।
विवेक सिंह यों कहें, उन्नति ब्लॉग जगत की ।
धुआँधार टिपियाएँ , भूल सब बात विगत की ॥

7 टिप्‍पणियां:

  1. aap bus youn hi likhtey rahiye, bharpoor tippani milti rahengi. blogger tippani main kanjoosi nahin karta.

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  2. बहुत सुंदर!
    कवित्त के मास्टर हैं आप, विवेक. टिप्पणियों की वर्षा हो, यही कामना है.

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